अ. क्र. | आलेख का शीर्षक | लेखक | पत्रिका का नाम, संपादक, पता और पृ. संख्या | वर्ष | स्तर | ISSN/ISBN/RNI | Impact Factor |
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1 | विवेकी राय के उपन्यासों में शिक्षा व्यवस्था | डॉ. विजय शिंदे | सम्मेलन पत्रिका, (सं.) विभूति मिश्र, हिंदी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग, पृ. 35-36. | 2001 | राष्ट्रीय | RNI-69664-96 | |
2 | ‘सोनामाटी’ में चित्रित अर्थव्यवस्था | डॉ. विजय शिंदे | नया मानदंड, (सं.) कुसुम चतुर्वेदी, आचार्य रामचंद्र शुक्ल साहित्य शोध संस्थान, वाराणसी, पृ. 31-35 | अप्रैल-जून, 2002 | राष्ट्रीय | ||
3 | वाटेवं हाय की पोटावं | डॉ. विजय शिंदे | आंदोलन, (सं.) मेधा पाटकर, सुनीती सु. र., पूना, पृ. 23 | अप्रैल, 2002 | राज्यस्तरीय | ||
4 | धर्म | डॉ. विजय शिंदे | आंदोलन, (सं.) मेधा पाटकर, सुनीती सु. र., पूना, पृ. 21 | मई, 2002 | राज्यस्तरीय | ||
5 | सैन्यभरती | डॉ. विजय शिंदे | आंदोलन, (सं.) मेधा पाटकर, सुनीती सु. र., पूना, पृ. 29-31 | अगस्त, 2002 | राज्यस्तरीय | ||
6 | कुछ इस प्रकार भी धर्म | डॉ. विजय शिंदे | समकालीन सोच, गाजीपुर, पृ. 11-12 | दिसंबर, 2002 | राष्ट्रीय | ||
7 | शिक्षा में समूल परिवर्तन की आस लगाए विवेकी राय | डॉ. विजय शिंदे | अभिनव प्रसंगव (सं.) वेदप्रकाश अमिताभ, अलीगढ़, पृ. 85-91 | जनवरी, 2003 | राष्ट्रीय | ||
8 | विवेकी राय के साहित्य में अध्यापक और छात्र | डॉ. विजय शिंदे | सामान्यजन संदेश, (सं.) डॉ. ओम प्रकाश मिश्रा, लोहिया अध्ययन केंद्र, नागपुर, पृ. 35-37 | अप्रैल-जून, 2003 | राष्ट्रीय | RNI-47047-88 | |
9 | कहानीकार विवेकी राय | डॉ. विजय शिंदे | भारतवाणी, (सं.) डॉ. चंदूलाल दुबे, दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा, धारवाड, पृ. 14-15 | जुलाई, 2003 | राष्ट्रीय | ||
10 | देवेश ठाकुर के ‘भ्रमभंग’ उपन्यास की भाषा | डॉ. विजय शिंदे | भाषा, (सं.) डॉ. शशि भारद्वाज, केंद्रीय हिंदी निदेशालय, नई दिल्ली, पृ. 35-37 | जुलाई-सिंतंबर, 2003 | राष्ट्रीय | ISSN 0523-1418, | |
11 | पुत्रशोक में विह्वल पिता की गाथाः देहरी के पार | डॉ. विजय शिंदे | समीक्षा, (सं.) गोपाल राय, हरदयाल, समीक्षा कार्यालय, दिल्ली, पृ. 35-37 | जुलाई-सितंबर, 2003 | राष्ट्रीय | RNI-22374-67 | |
12 | पुत्रशोक में विह्वल पिता की गाथाः देहरी के पार | डॉ. विजय शिंदे | रचनाकार, (सं.) रवि रतलामी, भोपाल, पृ. 1-3 | दि. 13 जनवरी, 2015 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
13 | विवेकी राय के ‘सोनामाटी’ में लड़खडाती अंचलों की अर्थव्यवस्था | डॉ. विजय शिंदे | हिंदुस्तानी जबान, (सं.) डॉ. सुशीला गुप्ता, हिंदुस्तानी प्रचार सभा, मुंबई, पृ. 35-38 | सितंबर-अक्तूबर, 2003 | राष्ट्रीय | RNI-18818-69 | |
14 | वीरेंद्र जैन का ‘शब्दबध’ विचार-पूनर्विचार | डॉ. विजय शिंदे | भारतवाणी, (सं.) डॉ. चंदूलाल दुबे, दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा, धारवाड, पृ. 11-13 | अक्तूबर, 2003 | राष्ट्रीय | ||
15 | वीरेंद्र जैन का ‘शब्दबध’ विचार-पूनर्विचार | डॉ. विजय शिंदे | रचनाकार, (सं.) रवि रतलामी, भोपाल, वेब वार्ता (ई-पत्रिका), दि. 30 जून, 2014 | दि. 16 जून, 2014 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
16 | विवेकी राय के साहित्य में शिक्षित युवा और राजनीति | डॉ. विजय शिंदे | संचेतना, (सं.) महीप सिंह, संदीप सिंह अमृत एंरप्राइजेज, नई दिल्ली, दिल्ली, पृ. 21-22 | जून, 2003, | राष्ट्रीय | RNI-14239-67 | |
17 | विवेकी राय के साहित्य में अध्यापक और छात्र | डॉ. विजय शिंदे | संस्मृतिसुधा, गोरखपुर, पृ.16-20 | दिसंबर, 2003 | राष्ट्रीय | ||
18 | निबंधकार विवेकी राय | डॉ. विजय शिंदे | सम्मेलन पत्रिका, (सं.) विभूति मिश्र, हिंदी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग, पृ. 134-144 | 2003 | राष्ट्रीय | ||
19 | विवेकी राय के साहित्य में बेकारी, नगरोन्मुखता और भ्रष्टाचार का शिक्षा से संबंध | डॉ. विजय शिंदे | शोध भारती, (सं.) डॉ. राम गोपाल सिंह, अखिल भारतीय अनुवाद परिषद, अहमदाबाद, पृ. 42-47 | अप्रैल-मार्च, 2004 | राष्ट्रीय | RNI-400261-68 | |
20 | विवेकी राय के साहित्य में ग्रामीण शिक्षा की स्थिति | डॉ. विजय शिंदे | अक्षत, (सं.) डॉ. श्रीराम परिहार, खंड़वा, पृ. 35-44 | 2003-200 | राष्ट्रीय | ||
21 | विवेकी राय के साहित्य में शैक्षिक अधिकारियों का चित्रण | डॉ. विजय शिंदे | समांतर, (सं.) डॉ. इसाक ‘अश्क’, समांतर प्रकाशन, तराना, उजैन, पृ. 98-107 | जुलाई-अगस्त, 2004 | राष्ट्रीय | ||
22 | विवेकी राय के साहित्य में भाषा समस्या | डॉ. विजय शिंदे | राष्ट्रवाणी, (सं.) प्राचार्य सु. मो. शहा, पूना, पृ. 28-32 | जुलाई-अगस्त, 2004 | राष्ट्रीय | ||
23 | समरभूमि पर डटा देहाती मसिहा : विवेकी राय | डॉ. विजय शिंदे | भारतीय लेखक, (सं.) भीमसेन त्यागी, भारतीय लेखक प्रकाशक, नोएडा-दिल्ली, पृ. 107-109 | अक्तूबर-दिसंबर, 2005 | राष्ट्रीय | RNI-UPHIN-2002-14980 | |
24 | निबंधकार विवेकी राय | डॉ. विजय शिंदे | निवेदिता, (सं.) डॉ. मांधाता राय, स्वामी सहजानंद स्नातकोत्तर महाविद्यालय, गाजीपुर, पृ. 198-210 | 2005 | राष्ट्रीय | ||
25 | विवेकी राय की रचनाओं में शिक्षा का बदलता स्वरूप | डॉ. विजय शिंदे | निवेदिता, (सं.) डॉ. मांधाता राय, स्वामी सहजानंद स्नातकोत्तर महाविद्यालय, गाजीपुर, पृ. 277-291 | 2005 | राष्ट्रीय | ||
26 | किसनगढ़ के शोषण परंपरा की शिनाख्त | डॉ. विजय शिंदे | रचनाकार, (सं.) रवि रतलामी, भोपाल, पृ. 1-4 | दि. 08 अक्तूबर, 2014 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
27 | संत कबीर के दोहों में सामाजिक चेतना | डॉ. विजय शिंदे | देवगिरीय, (सं.) बाळासाहेब बोरसे, देवगिरि महाविद्यालय, औरंगाबाद, पृ 76-79 | 2008 | राज्यस्तरीय | ||
28 | अद्भुत – अनोखा | डॉ. विजय शिंदे | देवगिरीय, (सं.) डॉ. विजय शिंदे, देवगिरि महाविद्यालय, औरंगाबाद, पृ 11-12 | 2010-2011 | राज्यस्तरीय | ||
29 | गुडिया को देखते हिंदी साहित्य का भविष्य | डॉ. विजय शिंदे | रचनाकार, (सं.) रवि रतलामी, भोपाल, पृ. 1-5 | दि. 31 मार्च, 2013 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
30 | एक लड़की एक लड़का | डॉ. विजय शिंदे | रचनाकार, (सं.) रवि रतलामी, भोपाल, पृ. 1-3 | दि. 23 फरवरी, 2013 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
31 | इक्कीसवीं सदी का हिंदी साहित्यः स्थिति एवं संभावनाएं | डॉ. विजय शिंदे | देवगिरीय, (सं.) डॉ. विजय शिंदे, देवगिरि महाविद्यालय, औरंगाबाद, पृ. 55-58 | 2011-2012 | राज्यस्तरीय | ||
32 | आधी रात की नाजायज संतानों का विड़ंबनात्मक चलचित्र | डॉ. विजय शिंदे | अभिसरण, (सं.) डॉ. विद्यासागर पाटंगणकर, बलभीम महा., बीड, पृ. 78-83 | जनवरी-जून, 2012 | राष्ट्रीय | ISSN 2229-4856 | |
33 | आधी रात की नाजायज संतानों का विड़ंबनात्मक चलचित्र | डॉ. विजय शिंदे | शुरूआत, (सं.) मनमोहन कासना, भरतपुर-राजस्थान, पृ. 1-9 | 13 नवंबर, 2013 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
34 | अध्यापक : भूमिका एवं दायित्व | डॉ. विजय शिंदे | अभिसरण, (सं.) डॉ. विद्यासागर पाटंगणकर, बलभीम महा., बीड, पृ. 38-42 | जुलाई-दिसंबर, 2012 | राष्ट्रीय | ISSN 2229-4858 | |
35 | अध्यापक : भूमिका एवं दायित्व | डॉ. विजय शिंदे | रचनाकार, (सं.) रवि रतलामी, भोपाल, पृ. 1-4 | 16 मई, 2013 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
36 | पूर्णविराम बनाम फुलस्टॉप | डॉ. विजय शिंदे | मानक वर्तनी और हिंदी (स्मरणिका), (सं.) डॉ. विजयकुमार राऊत, पारनेर-अहमदनगर पृ. 17-18 | 2003 | राष्ट्रीय | ISBN 978-81-926129-2-8 | |
37 | नारी अस्मिता, मानवधिकार और वर्तमान | डॉ. विजय शिंदे | Theories of Identity in Human Rights and Dr. B. R. Ambedkar’s Thoughts (स्मरणिका), (सं.) डॉ. एस. बी. भगत, आधार प्रकाशन, अमरावती, पृ. 57-58 | 2013 | अंतर्राष्ट्रीय | ISBN 978-93-82588-06-I | |
38 | स्त्री अधिकार और स्वतंत्रता की पैरवी | डॉ. विजय शिंदे | रचनाकार, (सं.) रवि रतलामी, भोपाल, पृ. 1-6 | दि. 19 जनवरी, 2013 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
39 | स्त्री अधिकार और स्वतंत्रता की पैरवी | डॉ. विजय शिंदे | स्त्री लेखन के विविध आयाम (स्मरणिका), (सं.) युवराज मुलये, राधेय पब्लिकेशन, बीड, पृ. 37-42 | सितंबर – 2013 | राष्ट्रीय | ISBN 978-1-62951-325-6 | |
40 | शिक्षा, धर्म और नैतिकता | डॉ. विजय शिंदे | रचनाकार, (सं.) रवि रतलामी, भोपाल, पृ. 1-3 | दि. 24 जनवरी, 2013 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
41 | शिक्षा, धर्म और नैतिकता | डॉ. विजय शिंदे | Information and Research Trends, (सं.) वैशाली रोकडे, हॉरिझॉन पब्लिकेशन, औरंगाबाद, पृ. 98-100 | फरवरी, 2013 | राष्ट्रीय | ISSN 2320-2327 | |
42 | महात्मा गांधी के अर्थनीति की प्रासंगिकता | डॉ. विजय शिंदे | रचनाकार (सं.) रवि रतलामी, भोपाल, पृ. 1-4 | 11 फरवरी, 2013 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
43 | निरक्षरता से... मुक्ति तक का अद्भुत सफर | डॉ. विजय शिंदे | रचनाकार, (सं.) रवि रतलामी, भोपाल, पृ. 1-6 | दि.13 फरवरी, 2013 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
44 | अध्यापकों की भूमिका और दायित्व | डॉ. विजय शिंदे | रचनाकार, (सं.) रवि रतलामी, भोपाल, पृ. 1-4 | दि. 16 मई, 2013 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
45 | हद हो गई | डॉ. विजय शिंदे | रचनाकार, (सं.) रवि रतलामी, भोपाल, पृ. 1-3 | दि. 23 फरवरी, 2013 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
46 | हद हो गई | डॉ. विजय शिंदे | देवगिरीय, (सं.) डॉ. विजय शिंदे, देवगिरि महाविद्यालय, औरंगाबाद, पृ. 11-12 | 2013-2014 | राज्यस्तरीय | ||
47 | शिक्षा और मुस्लिम समाज | डॉ. विजय शिंदे | अल्पसंख्याकों का विचार विश्व (स्मरणिका), (सं.) डॉ. शहाबुद्दीन शेख, न्यू वाइसेस, पब्लिकेशन, औरंगाबाद, पृ. 204-207 | मार्च, 2013 | अंतर्राष्ट्रीय | ISBN 978-93-82504-03-0, | |
48 | विवेकी राय के कथा साहित्य में नारी शिक्षा | डॉ. विजय शिंदे | रचनाकार, (सं.) रवि रतलामी, भोपाल, पृ. 1-4 | दि. 8 मार्च, 2013 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
49 | विवेकी राय के कथा साहित्य में नारी शिक्षा | डॉ. विजय शिंदे | अभिसरण, (सं.) डॉ. विद्यासागर पाटंगणकर, बलभीम महा., बीड, पृ. 43-46 | जुलाई-दिसंबर, 2014 | राष्ट्रीय | ISSN 2229-4858 | |
50 | स्थायित्व हेतु स्त्री सम्मान दांव पर लगाती ‘पिछले पन्ने की औरतें’ | डॉ. विजय शिंदे | रचनाकार, (सं.) रवि रतलामी, भोपाल, पृ. 1-7 | दि. 14 मार्च, 2013 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
51 | जबरदस्त लडाई के आसार | डॉ. विजय शिंदे | रचनाकार, (सं.) रवि रतलामी, भोपाल, पृ. 1-2 | दि. 19 मार्च, 2013 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
52 | साहित्य, लेखक और समीक्षक | डॉ. विजय शिंदे | रचनाकार, (सं.) रवि रतलामी, भोपाल, पृ. 1-2 | दि. 26 मार्च, 2013 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
53 | गांधी, अहिंसा और सत्याग्रह | डॉ. विजय शिंदे | शुरूआत, (सं.) मनमोहन कासना, भरतपुर-राजस्थान, पृ. 1-2 | दि. 27 मार्च, 2013 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
54 | पशु-पंछियों को भी भाव-भावनाएं होती हैं | डॉ. विजय शिंदे | शुरूआत, (सं.) मनमोहन कासना, भरतपुर-राजस्थान, पृ. 1-5 | दि. 27 मार्च, 2013 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
55 | सम्मान दांव पर लगाती ‘पिछले पन्ने की औरतें | डॉ. विजय शिंदे | समकालीन कथायात्रा, (सं.) शरद सिंह, सागर, पृ. 1-6 | दि. 1 अपैल, 2013 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
56 | पुरुष स्वंय नारी को बैसाखियां छोड़ने के लिए प्रेरित करता है | डॉ. विजय शिंदे | Woman About Man, (सं.) शालिनी कौशिक, दिल्ली, पृ. 1-4 | दि. 10 अपैल, 2013 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
57 | हिंदी भाषा और विवेकी राय | डॉ. विजय शिंदे | रचनाकार, (सं.) रवि रतलामी, भोपाल, पृ. 1-5 | दि. 8 मई, 2013 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
58 | देशी गांव की सोहनी सुगंध ‘बनगरवाडी’ | डॉ. विजय शिंदे | रचनाकार, (सं.) रवि रतलामी, भोपाल, पृ. 1-7 | दि. 26 मई, 2013 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
59 | अंतर्प्रेरणा और अभिव्यक्ति | डॉ. विजय शिंदे | लेखनी, (सं.) शैल अग्रवाल, वेस्ट मिडलँड, यु. के, पृ. 70-71 | जून, 2013 | अंतर्राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
60 | आधारहीन किसानों का खेती से पलायन ‘मूठमाती’ | डॉ. विजय शिंदे | शुरूआत, (सं.) मनमोहन कासना, भरतपुर-राजस्थान, पृ. 1-12 | दि. 19 जून, 2013 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
61 | धूमिल की कविता में आदमी | डॉ. विजय शिंदे | Research Front, (सं.) डॉ. सुरेश झोडगे, सातारा-महाराष्ट्र, पृ. 39-48 | अप्रैल-जून, 2013, | राष्ट्रीय | ISSN (Print) 2320-6446, (Online) 2320-8341 | 1.115 |
62 | धूमिल की कविता में आदमी | डॉ. विजय शिंदे | रचनाकार, (सं.) रवि रतलामी, भोपाल, पृ. 1-12. | दि. 25 अक्तूबर, 2013 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
63 | कस्तूरी कुंड़लि बसैं, मृग ढूंढे बन माहिं | डॉ. विजय शिंदे | लेखनी, (सं.) शैल अग्रवाल, वेस्ट मिडलँड, यु. के., पृ.31-33 | जुलाई, 2013 | अंतर्राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
64 | बादल के बहाने भारत का वर्तमान और भविष्य | डॉ. विजय शिंदे | लेखनी, (सं.) शैल अग्रवाल, वेस्ट मिडलँड, यु. के., पृ. 38-41 | अगस्त, 2013 | अंतर्राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
65 | दलित विमर्श की कसौटी पर ‘मुर्दहिया’ | डॉ. विजय शिंदे | रचनाकार, (सं.) रवि रतलामी, भोपाल, पृ. 1-7 | दि. 30 अगस्त, 2013 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
66 | दलित विमर्श की कसौटी पर ‘मुर्दहिया’ | डॉ. विजय शिंदे | इक्कीसवी सदी का दलित साहित्य : संवेदना और स्वरूप, (सं.) भुपेंद्र निकाळजे, हर्षवर्धन पब्लिकेशन्स, अहमदनगर, पृ. 118-122 | सितंबर, 2013 | राष्ट्रीय | ISBN 978-81-926851-9-9 | |
67 | दलित विमर्श की कसौटी पर ‘मुर्दहिया’ | डॉ. विजय शिंदे | गद्य कोश (ई-संकलन), दिल्ली, पृ. 1-4 | जनवरी, 2014 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
68 | दलित विमर्श की कसौटी पर ‘मुर्दहिया’ | डॉ. विजय शिंदे | भाषांतर (ई-पत्रिका), पृ. 1-4 | फरवरी, 2014 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
69 | प्राचीन आधारहीन किसानों का खेती से पलायन | डॉ. विजय शिंदे | Research Front (ई-पत्रिका), (सं.) डॉ. सुरेश झोडगे, सातारा-महाराष्ट्र, पृ. 51-58 | अक्तूबर–दिसंबर, 2013 | राष्ट्रीय | ISSN (Print) 2320-6446, (Online) 2320-8341 | 1.115 |
70 | शिक्षा और समाज | डॉ. विजय शिंदे | Research Front (ई-पत्रिका), (सं.) डॉ. सुरेश झोडगे, सातारा-महाराष्ट्र, पृ. 61-62 | अप्रैल-जून, 2014 | राष्ट्रीय | ISSN (Print) 2320-6446, (Online) 2320-8341 | 1.115 |
71 | अपने घर से लौटते हुए | डॉ. विजय शिंदे | लेखनी, (सं.) शैल अग्रवाल, वेस्ट मिडलँड, यु. के., पृ. 1-3 | अगस्त-सितंबर, 2014 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
72 | विवेकी राय का समर शेष है | डॉ. विजय शिंदे | रचनाकार, (सं.) रवि रतलामी, भोपाल, पृ. 1-5 | दि. 20 नवंबर, 2014 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
73 | विवेकी राय के साहित्य में नारी शिक्षा | डॉ. विजय शिंदे | अभिसरण, (सं.) डॉ. विद्यासागर पाटंगणकर, बलभीम महा., बीड, पृ. 43-46 | जुलाई-दिसंबर, 2014 | राष्ट्रीय | ISSN 2229-4858 | |
74 | घने काले ‘अंधेरे में’ नितांत अकेला | डॉ. विजय शिंदे | लेखनी, (सं.) शैल अग्रवाल, वेस्ट मिडलँड, यु. के., पृ. 1-5 | नवंबर-दिसंबर, 2014 | अंतर्राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
75 | काळाच्या कसोटीवर वर्ण आणि स्त्री | डॉ. विजय शिंदे | ऍकाडमीया एज्युकेशन, पृ. 1-4 | फरवरी, 2015 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
76 | साहित्यिक अनुसंधान और कलापक्ष | डॉ. विजय शिंदे | सम्यक, (सं.) पंकज त्रिवेदी, सुरेंद्रनगर, गुजरात, पृ. 1-2 | दि. 11 फरवरी, 2015 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
77 | साहित्यिक अनुसंधान और कलापक्ष | डॉ. विजय शिंदे | Epitome Journals, Aurangabad, महाराष्ट्र, पृ. 1-5 | 20 मई, 2015, मई-जून, 2015 | राष्ट्रीय | ISSN NO 2395-6968 | 0.565 |
78 | साहित्यिक अनुसंधान, कलापक्ष और कन्फेशन | डॉ. विजय शिंदे | Contours & Nuances of Research and Research Methodology, (सं) डॉ. बालाजी नवले, चिन्मय प्रकाशन, औरंगाबाद, पृ. 566-569 | फरवरी, 2015 | राष्ट्रीय | ISBN 978-93-84593-54-4 | |
79 | अंधेरे में' फँटसी का सार्थक फिल्मांकन 'सतह से उठता आदमी | डॉ. विजय शिंदे | Research Front, (सं.) डॉ. सुरेश झोडगे, सातारा-महाराष्ट्र, पृ. 111-116 | जनवरी-मार्च, 2015 | राष्ट्रीय | ISSN (Print) 2320-6446, (Online) 2320-8341 | 1.115 |
80 | किसान सौत का बेटा | डॉ. विजय शिंदे | रचनाकार , (सं.) रवि रतलामी, भोपाल, पृ. 1-3 | दि. 1 अपैल, 2015 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
81 | किसान सौत का बेटा | डॉ. विजय शिंदे | देवगिरीय, (सं.) डॉ. विजय शिंदे, देवगिरि महाविद्यालय, औरंगाबाद, पृ. 11-12 | 2014-2015 | राज्यस्तरीय | ||
82 | फिल्मी अदाकारों को पुनर्निर्माण का आवाहन करती कहानी ‘मोहन दास’ | डॉ. विजय शिंदे | अपनी माटी, (सं.) अशोक जमनानी, चितौड़गढ़, राजस्थान, पृ. 1-8, पृ. 31-36 | अपैल-जून, 2015 | राष्ट्रीय | ISSN 2322-0724 | |
83 | ‘मोहन दास’ के बहाने आत्मंथन | डॉ. विजय शिंदे | The South Asian Academic Research Chronicle, (सं.) रोहिदास नितोंडे, परभणी-महाराष्ट्र, पृ. 56-73 | जून, 2015 | राष्ट्रीय | ISSN 2454 – 1109 | 0.565 |
84 | दादासाहब फालके : भारतीय सिनेमा के जनक | डॉ. विजय शिंदे | रचनाकार, (सं.) रवि रतलामी, भोपाल, पृ. 1-4 | दि. 22 जनवरी, 2016 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
85 | सिनेमा क्या है? | डॉ. विजय शिंदे | Research Front, (सं.) डॉ. सुरेश झोडगे, सातारा-महाराष्ट्र, पृ. 119-124 | अक्तूबर-दिसंबर, 2015 | राष्ट्रीय | ISSN (Print) 2320-6446, (Online) 2320-8341 | 1.115 |
86 | सिनेमा - पहली फिल्म, पहला शो, जादूगर और कहानी | डॉ. विजय शिंदे | The South Asian Academic Research Chronicle, (सं.) रोहिदास नितोंडे, परभणी-महाराष्ट्र, पृ. 57-61 | जनवरी, 2016 | राष्ट्रीय | ISSN 2454 – 1109 | 0.565 |
87 | विश्व सिनेमा : आरंभ, बदलती तकनीक और तस्वीरें | डॉ. विजय शिंदे | रचनाकार, (सं.) रवि रतलामी, भोपाल, पृ. 1-4 | दि. 29 फरवरी, 2016 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
88 | भारतीय सिनेमा के इतिहास का विहंगावलोकन | डॉ. विजय शिंदे | The South Asian Academic Research Chronicle, (सं.) रोहिदास नितोंडे, परभणी-महाराष्ट्र, पृ. 28-56 | फरवरी, 2016 | राष्ट्रीय | ISSN 2454 – 1109 | 0.565 |
89 | विश्व सिनेमा के इतिहास का विहंगावलोकन | डॉ. विजय शिंदे | Research Front, (सं.) डॉ. सुरेश झोडगे, सातारा-महाराष्ट्र, पृ. 51-62 | जनवरी-मार्च, 2016 | राष्ट्रीय | ISSN (Print) 2320-6446, (Online) 2320-8341 | 1.115 |
90 | नारी का समानाधिकार | डॉ. विजय शिंदे | रचनाकार, (सं.) रवि रतलामी, भोपाल, पृ. 1-3 | दि. 25 अपैल, 2016 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
91 | नारी का समानाधिकार | डॉ. विजय शिंदे | देवगिरीय, (सं.) डॉ. विजय शिंदे, देवगिरि महाविद्यालय, औरंगाबाद, पृ. 9-10 | 2015-2016 | राज्यस्तरीय | ||
92 | सिनेमा की शैली | डॉ. विजय शिंदे | The South Asian Academic Research Chronicle, (सं.) रोहिदास नितोंडे, परभणी-महाराष्ट्र, पृ. 40-53 | जून, 2016 | राष्ट्रीय | ISSN 2454 – 1109 | 0.565 |
93 | भारतीय सिनेमा का आरंभ | डॉ. विजय शिंदे | अपनी माटी, (सं.) अशोक जमनानी, चितौड़गढ़, राजस्थान, पृ. 1-8, पृ. 1-5 | अपैल-सितंबर, 2016 | राष्ट्रीय | ISSN 2322-0724 | |
94 | सिनेमा की कथा संरचना (Narrative Structure of Film) | डॉ. विजय शिंदे | Research Front, (सं.) डॉ. सुरेश झोडगे, सातारा-महाराष्ट्र, पृ. 101-112 | जुलाई-सितंबर, 2016 | राष्ट्रीय | ISSN (Print) 2320-6446, (Online) 2320-8341 | 1.115 |
95 | फिल्म निर्माण की प्रक्रिया | डॉ. विजय शिंदे | रचनाकार, (सं.) रवि रतलामी, भोपाल, पृ. 1-4 | दि. 3 नवंबर, 2016 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
96 | फिल्म निर्माण के चरण | डॉ. विजय शिंदे | Research Front, (सं.) डॉ. सुरेश झोडगे, सातारा-महाराष्ट्र, पृ. 125-132 | अक्तूबर-दिसंबर, 2016 | राष्ट्रीय | ISSN (Print) 2320-6446, (Online) 2320-8341 | 1.115 |
97 | फिल्म निर्देशन : तकनीक और कला | डॉ. विजय शिंदे | अपनी माटी, (सं.) अशोक जमनानी, चितौड़गढ़, राजस्थान, पृ. 1-7 | अक्तूबर-दिसंबर, 2016 | राष्ट्रीय | ISSN 2322-0724 | |
98 | सिनेमा के सिद्धांत (Theories of Film) | डॉ. विजय शिंदे | The South Asian Academic Research Chronicle, (सं.) रोहिदास नितोंडे, परभणी-महाराष्ट्र, पृ. 18-35 | जनवरी, 2017 | राष्ट्रीय | ISSN 2454 – 1109 | 0.565 |
99 | पटकथा कैसे लिखे? | डॉ. विजय शिंदे | रचनाकार, (सं.) रवि रतलामी, भोपाल, पृ. 1-3 | दि. 5 फरवरी, 2017 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
100 | पटकथा लेखक के गुण | डॉ. विजय शिंदे | रचनाकार, (सं.) रवि रतलामी, भोपाल, पृ. 1-3 | दि. 21 फरवरी, 2017 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
101 | पटकथा लेखन का तकनीकी तरीका | डॉ. विजय शिंदे | रचनाकार, (सं.) रवि रतलामी, भोपाल, पृ. 1-3 | दि. 16 मार्च, 2017 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
102 | फिल्मी संवाद के प्रकार और भाषा | डॉ. विजय शिंदे | रचनाकार, (सं.) रवि रतलामी, भोपाल, पृ. 1-8 | दि. 23 मार्च, 2017 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
103 | सिनेमा की पटकथा का स्वरूप | डॉ. विजय शिंदे | Research Front, (सं.) डॉ. सुरेश झोडगे, सातारा-महाराष्ट्र, पृ. 50-60 | जनवरी-मार्च, 2017 | राष्ट्रीय | ISSN (Print) 2320-6446, (Online) 2320-8341 | 1.115 |
104 | सुदामा पांडेय ‘धूमिल’ की काव्य संवेदना का प्रतिनिधित्व करती कविता ‘मोचीराम’ | डॉ. विजय शिंदे | रचनाकार, (सं.) रवि रतलामी, भोपाल, पृ. 1-12 | दि. 4 अप्रैल, 2017 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
105 | काले फन का काला धन | डॉ. विजय शिंदे | रचनाकार, (सं.) रवि रतलामी, भोपाल, पृ. 1-3 | दि. 11 अप्रैल, 2017 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
106 | काले फन का काला धन | डॉ. विजय शिंदे | देवगिरीय, (सं.) डॉ. विजय शिंदे, देवगिरि महाविद्यालय, औरंगाबाद, पृ. 11-12 | 2016-2017 | राज्यस्तरीय | ||
107 | ‘फांस’ से उठता सवाल : खेती से किसान मन क्यों लगाए? | डॉ. विजय शिंदे | अपनी माटी, (सं.) अशोक जमनानी, चितौड़गढ़, राजस्थान, पृ. 1-13 | अपैल-सितंबर, 2017 | राष्ट्रीय | ISSN 2322-0724 | |
108 | सिनेमा निर्मिति का संक्षिप्त परिचय (Introduction to Film Production) | डॉ. विजय शिंदे | Research Front, (सं.) डॉ. सुरेश झोडगे, सातारा-महाराष्ट्र, पृ. 17-27 | अप्रैल-जून, 2017 | राष्ट्रीय | ISSN (Print) 2320-6446, (Online) 2320-8341 | 1.115 |
109 | फिल्मों का संवाद लेखन (Dialogue Writing) | डॉ. विजय शिंदे | कुळवाडीभूषण, (सं.) वैजनाथ कदम, औरंगाबाद - महाराष्ट्र, पृ. 40-53 | ISSN 2456 – 3471, जुलाई-दिसंबर, 2017 | राष्ट्रीय | ISSN 2456 – 3471 | |
110 | फिल्मों का संवाद लेखन (Dialogue Writing) | डॉ. विजय शिंदे | रचनाकार, (सं.) रवि रतलामी, भोपाल, पृ. 1-10 | दि. 16 फरवरी, 2019 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
111 | बारुद के ढेर पर | डॉ. विजय शिंदे | रचनाकार, (सं.) रवि रतलामी, भोपाल, पृ. 1-4 | दि. 27 अगस्त, 2018 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
112 | बारुद के ढेर पर | डॉ. विजय शिंदे | देवगिरीय, (सं.) डॉ. विजय शिंदे, देवगिरि महाविद्यालय, औरंगाबाद, पृ. 11-12 | 2017-2018 | राज्यस्तरीय | ||
113 | फिल्मों में कॅमरा का महत्त्व | डॉ. विजय शिंदे | रचनाकार, (सं.) रवि रतलामी, भोपाल, पृ. 1-7 | दि. 11 दिसंबर, 2018 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
114 | फिल्म संपादन (Film Editing) | डॉ. विजय शिंदे | रचनाकार, (सं.) रवि रतलामी, भोपाल, पृ. 1-8 | दि. 18 दिसंबर, 2019 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
115 | विवेकी राय के साहित्य में नारी शिक्षा | डॉ. विजय शिंदे | अपनी माटी, (सं.) अशोक जमनानी, चितौड़गढ़, राजस्थान, पृ. 1-5 | अक्तूबर-दिसंबर, 2019 | राष्ट्रीय | ISSN 2322-0724 | |
116 | वैचारिक साहित्य के अनुवाद का महत्त्व | डॉ. विजय शिंदे | रचनाकार, (सं.) रवि रतलामी, भोपाल, पृ. 1-8 | दि. 20 जनवरी, 2020 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
117 | फिल्मी पटकथा लेखन (Script Writing) | डॉ. विजय शिंदे | रचनाकार, (सं.) रवि रतलामी, भोपाल, पृ. 1-11 | दि. 11 फरवरी, 2020 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
118 | महाराजा सयाजीराव : चरित्रसंपन्न, अनासक्त और संप्रभु राजा, (अनुवाद – मूल लेखक बाबा भांड) | डॉ. विजय शिंदे | रचनाकार, (सं.) रवि रतलामी, भोपाल, पृ. 1-10 | दि. 18 मार्च, 2020 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
119 | ‘धान के कटोरे में सूखा’ के बहाने | डॉ. विजय शिंदे | रचनाकार, (सं.) रवि रतलामी, भोपाल, पृ. 1-6 | दि. 18 अप्रैल, 2020 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
120 | महाराजा सयाजीराव के युग की सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक सामंजस्य नीतियां | डॉ. विजय शिंदे | रचनाकार, (सं.) रवि रतलामी, भोपाल, पृ. 1-6 | दि. 22 अप्रैल, 2020 | राष्ट्रीय | ई-पत्रिका | |
121 | भारतीय हिंदी साहित्य का दृष्टिकोन : कल आज और कल | डॉ. रंजना चावडा | Multi-culturalism in Literature | 2014 | National | 978-81-921-327-3-0 | |
122 | अनुवाद के क्षेत्र | डॉ. रंजना चावडा | (Ajanta) An Interdisciplinary Qly. Research Journal, पृ.क्र. 1-3 | 2017 | National | 2277-5732 | 4.205 |
123 | भूमंडलीकरण के परिप्रेक्ष्य में निजभाषा उन्नति अहै: सब उन्नति का मूल | डॉ. रंजना चावडा | आशय | 2016 | State Level | ||
124 | साहित्य में गांधीवाद | डॉ. रंजना चावडा | Be Changing you want to see in the World Mahatma Gandhi, पृ.क्र. ४२२-२४ | 2016 | International | 978-93-93-8588-2-06-7 | |
125 | वैश्विक परिप्रेक्ष्य एवं विश्व में हिंदी की स्थिति | डॉ. रंजना चावडा | शोधऋतू | 2016 | International | 2454-6283 | 6.261 |
126 | नारी का बदलता स्वरूप और मिडिया | डॉ. रंजना चावडा | Our Heritage International | 2020 | National | 0474-9030 | 6.7 |
127 | प्रकृति के प्राकृतिक बदलाव को अनुकूल बनाने का तंत्र | डॉ. रंजना चावडा | Multi-culturalism in Literature, पृ.क्र. १४४ | 2020 | International | 2348-6058 | 7.9 |
128 | World peace and Gandhian philosophy' | डॉ. रंजना चावडा | International seminar on "education and peace" "world global peace" (an international journal of philosophy peace education culture and civilization) | 2010 | International | 0976-8009 | |
129 | Mannu Bhandari Krut Aapka Banti : Abhivanjana Shilp | डॉ. सुलक्षणा जाधव | Power Of Knowledge, International Multilingual Quarter Refereed Research Journal, Vol I Issue XX, PP 108-110 | 2017 | International | ISSN 2320-4494 | |
130 | Parivarik Jivan me Nari ke Bhumika, | डॉ. सुलक्षणा जाधव | Printing Area, Peer Reviewed International Refereed Research Journal, UGC Approved, Special Issue, PP 163-164 | 2017 | Internatioanl | ISSN 2394-5303 | 4.002 |
131 | Ek Ithihashik Faisala : Tin Talak | डॉ. सुलक्षणा जाधव | Galaxy Link, Peer Reviewed International Refereed Research Journal, Vol Vi Issue I | 2017 | International | ISSN 2319- 850 | 4.361 |
132 | Samkalin Upamyas Sahitya | डॉ. सुलक्षणा जाधव | Research Arena, Vol V Issue XI, PP 645-69 | 2018 | International | ISSN 2320-6263 | 4.002 |
133 | H, N, Apate ani Premchand yanchya Sahityatil Stri Janiwa | डॉ. सुलक्षणा जाधव | Ajanta prakashan, Vol VII Issue IV, PP 92-94 | 2018 | International | ISSN 2277-5730 | 5.5 |
134 | Vaishavikaran ke Sath juda BharatiyaNari Samaj | डॉ. सुलक्षणा जाधव | Research Journy, PP 375-376 | 2019 | International | ISSN 2348-7143 | 6.261 |
135 | Kisan ka Koda me Jivan Mulyonka Punarmulyankan | डॉ. सुलक्षणा जाधव | Vidyavarta, PP 42-44 | 2020 | International | ISSN – 2319- 9318 | 6.021 |
136 | Vigyan Aur Pradyogiki Kshatra Me Mahilaon Ki Parivartit Dish | डॉ. सुलक्षणा जाधव | International Science Journa, PP 33-35 | 2020 | International | ISSN – 2348-604X ( Print) 2348-6058 (online) | 7.9 |
137 | Premchand ke Karmabhumi Me Gandhiwad | डॉ. सुलक्षणा जाधव | Vidyawarta, PP 273-275 | 2020 | International | ISSN – 2319-9318 | 6.021 |
138 | Dr. Babasaheb Ambedkar ke Vicharon me Nari Chintan | डॉ. सुलक्षणा जाधव | Ajanta, Vol IX Issue II, PP 34-37 | 2020 | International | ISSN – 2277-5730 | 6.399 |
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